विवादों में घिरे रामगोपाल यादव, BJP ने साधा निशाना

समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने बीते दिन विंग कमांडर व्योमिका सिंह की जाति को लेकर टिप्पणी की थी, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया. बीजेपी समाजवादी पार्टी पर हमलावर है तो वहीं अब इस पूरे मामले पर रामगोपाल यादव की सफाई सामने आई है. उन्होंने ये सफाई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दी है.
राम गोपाल यादव ने लिखा कि उत्तर भारत के कुछ राज्यों में विशेषकर उत्तर प्रदेश में जहां धर्म, जाति और वर्ग देखकर लोगों पर फर्जी मुकदमे लगाए जा रहे हों, जाति-धर्म के आधार पर एनकाउंटर किए जा रहे हों, जाति-धर्म के आधार पर गैंगस्टर लगा कर संपत्ति जब्त की जा रही हो, जाति-धर्म और वर्ग देखकर महिलाओं पर अत्याचार किए जा रहे हों, जाति-धर्म और वर्ग देख कर कर्मचारियों और अधिकारियों की पोस्टिंग की जाती हों, ऐसी विकृत मानसिकता के लोगों के बारे में कल मैंने एक कार्यक्रम में कहा था कि कर्नल सोफिया कुरैशी का धर्म नाम से पहचान लिए, इसलिए गाली दी गई.
उन्होंने पोस्ट में आगे लिखा कि विदेश सचिव मिस्री को गाली दी गई, अगर इन गाली बाजों को ये पता चल जाता कि व्योमिका सिंह जाटव हैं और एयर मार्शल अवधेश भारती यादव हैं तो ये इन अफसरों को भी गालियां देने से बाज नहीं आते.
सीएम योगी पर साधा निशाना
रामगोपाल यादव ने अपनी सफाई पेश करते हुए सीएम योगी पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मुझे आश्चर्य इस बात की है कि जिस मुख्यमंत्री की नाक के नीचे अल्पसंख्यकों, दलितों और पिछड़ों पर अकल्पनीय अत्याचार हो रहे हों, उन्होंने मेरा पूरा बयान बगैर सुने ही ट्वीट कर दिया, जिन मीडिया चैनलों ने इस्लामाबाद और रावलपिंडी पर कब्जा कर लिया था, उनसे मुझे कोई शिकायत नहीं क्योंकि उन पर सत्ता पक्ष के अलावा किसी को विश्वास नहीं.
क्या बोले थे रामगोपाल यादव?
समाजवादी पार्टी के महासचिव राम गोपाल यादव ने यूपी में मुरादाबाद जिले के बिलारी विधानसभा क्षेत्र में रामगोपाल यादव ने कहा, कि इनके (बीजेपी) एक मंत्री ने कर्नल सोफिया कुरैशी को गाली तक दी. हाई कोर्ट ने FIR दर्ज करने का आदेश दिया. इसके बाद व्योमिका सिंह को दिव्या सिंह बताते हुए रामगोपाल कहते हैं, दिव्या सिंह के बारे में इनको मालूम नहीं था कि वो कौन हैं. एयर ऑपरेशन के इंचार्ज अवधेश कुमार के बारे में भी इन्हें नहीं मालूम था, वरना उनको भी गाली देते. उन्होंने कहा कि मानसिकता जब खराब होती है तो लोग सेना की उपलब्धियां बताने के बजाय अपनी उपलब्धियां बताने लगते हैं.