FIR पर राहुल का पलटवार, कहा 'ये मेरे लिए मेडल', खड़गे ने बताया 'तानाशाही'

Rahul Gandhi Darbhanga Protest: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। उनके साथ कांग्रेस के कई अन्य नेताओं पर भी केस दर्ज किया गया है। यह मामला बिहार के दरभंगा जिले के अंबेडकर कल्याण छात्रावास में बिना प्रशासनिक अनुमति और निषेधाज्ञा (धारा 144) का उल्लंघन करते हुए गुरुवार को आयोजित जनसभा को लेकर दर्ज किया गया है।
क्या बोले राहुल गांधी –
एफ़आईआर दर्ज किए जाने के बाद राहुल गांधी ने कहा, ‘ये सब मेरे लिए मेडल हैं। मेरे ऊपर पहले से ही 30-32 केस दर्ज हैं।’
प्रशासन का बयान
दरभंगा के एसडीपीओ अमित कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन ने कांग्रेस को टाउन हॉल (राजेंद्र भवन) में कार्यक्रम की अनुमति दी थी। यह अनुमति कांग्रेस कार्यकर्ताओं के अनुरोध पर दी गई थी। लेकिन इसके बाद, अंबेडकर छात्रावास परिसर में अवैध रूप से कार्यक्रम की तैयारी की जाने लगी।
उन्होंने कहा, “निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद, एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद सदाब अख्तर और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने छात्रावास में बिना अनुमति के कार्यक्रम किया। वहां जबरन कुर्सियां, टेंट, माइक आदि लगाए गए। इस कार्यक्रम में राहुल गांधी सहित 18 नामजद और लगभग 100 अज्ञात लोग शामिल हुए।”
एफआईआर की जानकारी
इस मामले में लहेरियासराय थाने में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। पहली भारतीय न्याय संहिता की धारा 189(2), 189(5), 132 और ध्वनि विस्तारक यंत्र अधिनियम के तहत एफ़आईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर जिला कल्याण पदाधिकारी आलोक कुमार की शिकायत पर की गई है। एक अन्य एफआईआर खंड कल्याण पदाधिकारी खुर्शीद आलम की शिकायत पर धारा 223 और ध्वनि अधिनियम के तहत दर्ज की गई। अमित कुमार ने कहा कि कार्यक्रम बिना अनुमति और निषेधाज्ञा के उल्लंघन में आयोजित किया गया। वीडियो फुटेज सुरक्षित कर लिया गया है और अन्य लोगों की पहचान की जा रही है।
राहुल गांधी का पलटवार:
राहुल गांधी ने आरोप लगाया, “प्रशासन ने रास्ता रोकने के लिए बैरिकेडिंग की थी। लेकिन वे मुझे रोक नहीं सके क्योंकि मुझे आपके (जनता के) समर्थन की ताकत मिलती है। मैं पीछे के रास्ते से कार्यक्रम में पहुंचा।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जेडीयू-बीजेपी सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा, “क्या दलितों, पिछड़ों और वंचितों से बात करना संविधान विरोधी है? क्या उनकी शिक्षा और रोजगार की बात करना अपराध है?” उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को ‘शिक्षा न्याय संवाद’ कार्यक्रम में भाग लेने से रोका गया, जो तानाशाही की चरम सीमा है।
राहुल गांधी ने क्या कहा?
राहुल गांधी ने बताया कि, “शुरुआत में प्रशासन को कोई आपत्ति नहीं थी, लेकिन बाद में रोकने की कोशिश की गई। फिर भी हमने कार्यक्रम किया। मैंने जातीय जनगणना की ज़रूरत और निजी संस्थानों में आरक्षण की 50% सीमा को तोड़ने की मांग दोहराई। यही हमारा एजेंडा है और हम इसे पूरा करेंगे।”
उन्होंने अधिकारियों से कहा, “आप अपना काम कीजिए, मैं अपना करता हूं। रोकना है तो रोकिए।” जब पुलिस ने जुलूस रोकने को कहा तो राहुल ने जवाब दिया, “अगर धारा 144 लगी है तो उसे लागू कीजिए। अपना कर्तव्य निभाइए।” एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “हम आपका सम्मान करते हैं,” तो राहुल बोले, “मैं भी आपका सम्मान करता हूं… लेकिन छात्रों से वादा किया था कि आऊंगा।”
प्रशासन का आखिरी बयान
एसडीएम विकास कुमार ने बताया कि कांग्रेस को टाउन हॉल में कार्यक्रम की लिखित अनुमति दी गई थी, लेकिन वे ज़बरदस्ती अंबेडकर छात्रावास चले गए जो निषिद्ध क्षेत्र था। उन्होंने यह भी कहा कि, “राहुल गांधी को Z+ सुरक्षा मिली हुई है, इसलिए सुरक्षा की खास व्यवस्था एयरपोर्ट से टाउन हॉल तक की गई थी। लेकिन वे तय रूट से न जाकर ऐसे क्षेत्र में पहुंचे जहां सुरक्षा बल तैनात नहीं था। कई बार चेतावनी दी गई कि 200 मीटर के दायरे में प्रवेश न करें, फिर भी उल्लंघन किया गया, इसलिए एफआईआर दर्ज की गई।”