सुमेर सिंह यदुवंशी, भोपाल। प्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था के शीर्ष केन्द्र वल्लभ भवन ;मंत्रालयद्ध का कामकाज करीब 2 दशकों से संलग्न कर्मचारियों के भरोसे चल रहा है। ये वो कर्मचारी हैं, जिन्हें अन्य विभागों से मंत्रालय में काम करने के लिए संलग्न किया गया है। लेकिन इनके पास किसी तरह का अधिकार या दायित्व नहीं है। न ही उनकी कोई जवाबदेही तय की गई है। जबकि किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर मंत्रालय के नियमित कर्मचारी के ही होते हैं। वो ही किसी भी घटनाक्रम के लिए जिम्मेदार होता है। अगर किसी भी फाइल में गड़बड़ हो, गोपनीयता भंग हो तो जिम्मेदारी नियमित कर्मचारी की होगी। इस व्यवस्था से उनमें काफी आक्रोश हैं।

उल्लेखनीय है कि, मंत्रालय कर्मचारी संघ के मुताबिक वल्लभ भवन में कुल 2600 कर्मचारी होने चाहिए। लेकिन नई भर्ती नहीं होने के कारण 1200 कर्मचारी ही काम कर रहे हैं। इनमें करीब 800 कर्मचारी संलग्न वाले हैं। ये संलग्न कर्मचारी बरसों से एक ही सेक्शन व विभाग में जमे हुए हैं। जिससे इनका भी एक काकस बन गया है। इनमें ऐसे कई कर्मचारी भी हैं, जिन्हें कायदे से मैदानी क्षेत्र में होना चाहिए था, लेकिन वो मंत्रालय में बाबूगिरी कर रहे हैं। खासकर ये हालात फिलहाल गृह विभाग में बने हुए हैं। मत्रालय कर्मचारी संघ अध्यक्ष  सुभाष वर्मा ने मांग की है कि संलग्न कर्मचारियों के तबादले व कार्य में फेरबदल किया जाना बेहद जरूरी है ताकि मंत्रालय की गोपनीयता और विश्वसनीयता कायम रह सके। हालांकि मंत्रालय की गरिमा एवं उच्च प्रशासनिक क्षमता को बनाये रखने के लिए मुख्यमंत्री एवं नए मुख्य सचिव ने कार्य प्रारंभ कर दिया है।  

गौरतलब है कि, मंत्रालय में 25 वर्ष पूर्व यह नियम बनाया गया था कि, कोई भी कर्मचारी संलग्न नहीं किया जाएगा। यह स्थिति के. एस. शर्मा के मुख्य सचिव कार्यकाल के दौरान् रही थी लेकिन अब तो यह प्रथा भयावहता की हद तक जा पहुंची है। ऐसे में मंत्रालय में गोपनीयता एवं कार्यप्रणाली की शुचिता खत्म होने के कगार पर है।

संलग्न कर्मियों की नियमित पदस्थापना की कोशिश-
मंत्रालय के नियमित कर्मचारियों में इस बात को लेकर भी आक्रोश है कि वहां अधिकारियों ने अपने अधीनस्थ चहेतों को उपकृत करने के लिए न केवल मंत्रालय में उनको संलग्न किया बल्कि नियम विरूद्ध उनका संविलियन भी कराया है। इसका मंत्रालय कर्मचारी संघ द्वारा विरोध किया जाता रहा है। हाल ही में मंत्रालय में संलग्नीकरण की प्रवृत्ति को नीतिगत रूप देने  लिए वित्त विभाग द्वारा सहायक लेखा अधिकारियों की मंत्रालय स्थित वित्त विभाग में रिक्त अनुभाग अधिकारियों के पद पर पदस्थापना का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभागकार्मिकद्ध को भेजा गया है। जिससे साबित होता है कि, यह प्रक्रिया बन्द होने के बजाए ज्यादा बलवती हो रही है।    

इनका कहना है-
"संलग्न कर्मचारियों के बारे में फिलहाल मुझे जानकारी नहीं है। इस बारे में जानकारी जुटाकर उचित निर्णय लिया जायेगा।"

अनिल सुचारी 
 सचिव, 
सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय भोपाल